नरक चतुर्दशी इस साल 23 अक्टूबर को मनाई जाने वाली है. नरक चतुर्दशी को कई नाम से जाना जाता है. जैसे काली चौदस, नरक चौदस, रूप चौदस और छोटी दिवाली. जानते हैं इसके शुभ मुहूर्त और क्या है इस पर्व की पौराणिक कथा.:::::
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, धनतेरस और दिवाली के बीच नरक चतुर्दशी का त्योहार पड़ता है. इस साल नरक चतुर्दशी का त्योहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन यमराज की उपासना की जाती है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. मान्यताओं के मुताबिक, छोटी दिवाली के दिन यम देवता के नाम का दीया घर के बाहर लगाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी कैसे मनाई जाती है, इस साल शुभ मुहूर्त क्या है? इसका महत्व और पौराणिक कथा के बारे में भी जानते हैं.
कैसे मनाते हैं नरक चतुर्दशी?
दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को कई नाम से जाना जाता है जैसे काली चौदस, नरक चौदस, रूप चौदस और छोटी दिवाली. मान्यता है कि इस दिन लोग शाम के समय में अपने घर पर दीये जलाते हैं और यमराज की पूजा करते हैं. इस पर्व पर यम से असमय मृत्यु से बचने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की जाती है.
इस पर्व का महत्व और पौराणिक कथा
मान्यताओं क मुताबिक, नरकासुर नाम के एक राक्षक ने सभी देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था और उसके पास अलौकिक शक्तियां थी. जिस वजह से उससे युद्ध करना किसी के वश में नहीं था. नरकासुर की यातनाएं बढ़ती ही जा रही थी. इस समस्या के समाधान के लिए सभी देवता भगवान श्री कृष्ण के पास पहुंचे. सभी देवताओं के कहने पर भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी मदद की. भगवान कृष्ण ने कैसे की मदद?
भगवान कृष्ण ने कैसे की मदद?
नरकासुर को श्राप मिला हुआ था कि उसकी मृत्यु किसी स्त्री के हाथों होगी. इसी बात का भगवान श्री कृष्ण भरपूर फायदा उठाया. उन्होंने अपनी पत्नी के सहयोग से कार्तिक के महीने में कृष्ण पक्ष के 14वें दिन नरकासुर का वध कर दिया. आपको बता दें कि नरकासुर ने 16 हजार बंधक बना रखें थे. उसकी मृत्यु के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया. बाद में इन बंधकों को पटरानियों के नाम से जाना जाने लगा. नरकासुर की मृत्यु के बाद से ही कार्तिक मास की अमावस्या को लोग नरक चतुर्दशी मनाने लगे.
नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त जान लीजिए
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 23 अक्टूबर 2022 को 6:03 मिनट पर कार्तिक चतुर्दशी शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर को 5:27 मिनट पर खत्म होगी. 23 अक्टूबर 2022, रविवार को नरक चतुर्दशी है. वहीं, काली चौदस का मुहूर्त 23 अक्टूबर को 11:40 से 24 अक्टूबर 12:31 तक रहेगा.
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